APNATVA
Sunday, January 8, 2012
I wrote it when i was in class 10th
पतझड़ो के बाद बहारों को आने तो दीजिये
नोनिहालों को घरोंदे बनाने तो दीजिये ..
वो भी ले आयेगे डूबती कश्ती को किनारे पर
किश्मत उन्हें अपनी आजमाने तो दीजिये ..
1 comment:
विभूति"
January 17, 2012 at 6:09 AM
चंद पंक्तिया और बेहतरीन अभिव्यक्ति.....
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चंद पंक्तिया और बेहतरीन अभिव्यक्ति.....
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