तेरा साथ है इसलिए खुश हूँ
तू पास है इसलिए खुश हूँ
राहों में चलते चलते मंजिल का पता न था ...
तूने रास्ता बताया इसलिए खुश हूँ..
यादों की बस्तियों को खाक कर चुका था मैं ....
वो घरोंदे फिर बस गये इसलिए खुश हूँ..
पहले मेरे आंसू की कोई कीमत न थी ...
अब तुझे बुरा न लगे इसलिए खुश हूँ ..
मैं तो बिखर गया था कांच के टुकडो सा
तुने उन्हें फिर संवारा इसलिए खुश हूँ
--
ABHAY JAIN
तू पास है इसलिए खुश हूँ
राहों में चलते चलते मंजिल का पता न था ...
तूने रास्ता बताया इसलिए खुश हूँ..
यादों की बस्तियों को खाक कर चुका था मैं ....
वो घरोंदे फिर बस गये इसलिए खुश हूँ..
पहले मेरे आंसू की कोई कीमत न थी ...
अब तुझे बुरा न लगे इसलिए खुश हूँ ..
मैं तो बिखर गया था कांच के टुकडो सा
तुने उन्हें फिर संवारा इसलिए खुश हूँ
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ABHAY JAIN
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